उड़ान
उड़ने की ख्वाहिश मे ,
पंख फैलाकर देखो तो ।
कोई राह तक रहा है ,
नज़र उठाकर देखो तो ।।
आसमां की चाहत है ,
कोई बघड़ परिंदा आ जाए ।
बहों में ले भल उसे वो ,
जन्नत का दर्श करा लाए ।।
भर उड़ान, करदे चढ़ाई ,
खुदा ने एक चीज़ तेरे लिए छुपाई ।
अब उठ एक उड़ान तो भरकर देख ,
तू भी जान जाएगा, भले हों हम सब ,
फिर भी हैं एक ।।
By:
Abhishek Garg
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